उच्च रक्तचाप एक उम्र के बाद आम हो जाता है ह्रदय के निचले भाग के प्रकोष्ठ में संकुचन होकर प्रत्येक धड़कन के साथ जो अधिकतम दबाव उत्पन्न होता है उसे सिस्टोलिक कहा जाता है । और ह्रदय की मांसपेशियों के फैलने के समय जो कम से कम दबाव रहता है उसे डायलोस्टिक प्रेशर कहते हैं। आम तौर पर सिस्टोलिक और डायलोस्टिक इन दोनों के संतुलित दबाव को ही ब्लडप्रेशर के नाम से जाना जाता है। एक स्वस्थ्य युवा के ब्लड प्रेशर की रेंज अधिकतम 120 एवं कम से कम 80 मिमी मरकरी होती है। दोनों प्रेशर की अलग अलग बात करें तो सिस्टोलिक प्रेशर 120 से 150 मिमी मरकरी तक सामान्य एवं डायलोस्टिक प्रेशर 60 से 90 मिमी मरकरी तक सामान्य माना जाता है। इसलिए जब सिस्टोलिक प्रेशर 150 मिमी से ऊपर एवं डायलोस्टिक प्रेशर 90 मिमी से ऊपर हो जाता है तो इसी अवस्था को उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। हालांकि उम्र के आधार पर रक्तचाप कम या ज्यादा हो सकता है। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से उच्च रक्तचाप से ग्रसित रोगी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं और क्या करना चाहिए और क्या नहीं के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।

उच्च रक्तचाप में क्या खाना चाहिए
उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित रोगी को खान पान का विशेष ध्यान रखना होता है ताकि हालात नियंत्रण में रहें। तो आइये जानते हैं हाई ब्लड प्रेशर में क्या खाना चाहिए।
- रोगी को सुपाच्य, सादा एवं निरामिष भोजन उचित मात्रा में करना चाहिए।
- उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रसित व्यक्ति को गेहूं के आटे की रोटी चबा चबाकर खानी चाहिए इसके अलावा व्यक्ति चाहे तो चने के आटे से बनी रोटी भी चबा चबाकर खा सकता है।
- भोजन के बाद छाछ का नियमित तौर पर सेवन करने से लाभ होता है।
- यदि युवावस्था में यह रोग हो गया हो तो, सोयाबीन को रत को पानी में भिगोकर सुबह उसका छिलका निकाल लें और फिर इसे धूप में अच्छी तरह सूखा लें। इसके बाद इसे गेहूं के साथ मिलाकर पिसवा लें या इसे अकेले पिसवाकर इसमें गेहूं का आटा मिला लें । लगभग नौ किलो गेहूं के आटे में एक किलो सोयाबीन का आटा मिला सकते हैं। उसके बाद इस आटे से निर्मित रोटी को सुबह शाम भोजन में खाएं ।
- उच्च रक्तचाप से ग्रसित रोगी को फलों में सेब, पपीता, आंवला, ककड़, बेल, खजूर, मुनक्का, संतरे, केले इत्यादि का सेवन करना चाहिए ।
- सब्जी में अरबी, आलू, टिंडे, पुदीना, लौकी, ताज़ी हरी सब्जियां, चौलाई, कद्दू, पत्ता गोभी, कच्चा दूध, दही, पनीर, काबुली चना, राजमा, मक्का, ज्वार, अंकुरित अनाज, शहद इत्यादि का सेवन किया जा सकता है।
- हाई ब्लड प्रेशर यानिकी उच्च रक्तचाप में लहसुन का सेवन करना भी लाभदायक होता है क्योंकि लहसुन में पाया जाने वाला एडिनोसिन नामक तत्व मांसपेशियों को ढीला करके रक्त नलिकाओं को फ़ैलाने का काम करता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित व्यक्ति लहसुन की तीन चार कलियाँ गुनगुने पानी के साथ प्रतिदिन चबाकर खा सकते हैं। इससे खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा का ह्रास होगा ।
उच्च रक्तचाप में क्या नहीं खाना चाहिए (परहेज):
उच्च रक्तचाप से ग्रसित व्यक्ति को अपने खान पान में संयम बरतना बेहद जरुरी होता है इसलिए उसे बहुत सारे खाद्य पदार्थो का परहेज करने की आवश्यकता हो सकती है जिनकी लिस्ट निम्नवत है।
- मिर्च मसालों से युक्त भारी भोजन का परहेज करना अनिवार्य है।
- तली चीजों का भी परहेज करना होता है और अधिक मात्रा में भोजन भी नहीं करना ।
- रूखे सूखे आहार से बचें एवं ठंडे और बासी भोजन का भी इस्तेमाल न करें।
- उत्तेजित करने वाले एवं नशीले पधार्थों जैसे शराब, तम्बाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट इत्यादि का त्याग कर देना चाहिए।
- मांसाहार जैसे मांस, मछली, अंडे इत्यादि का सेवन भी कम या बिलकुल नहीं करना चाहिए।
- इसके अलावा उच्च रक्तचाप से ग्रसित व्यक्ति को मलाई युक्त दूध, मक्खन का परहेज करना चाहिए और नमक का भी परहेज करना चाहिए ।
उच्च रक्तचाप में क्या करना चाहिए
- अपने आप को शारीरिक कार्यों को पूरा करने में व्यस्त रखें या नियमित तौर पर व्यायाम करें।
- मोटापा पर नियंत्रण बेहद जरुरी है यह न बढे इसके लिए सुबह सुबह 4-5 किलोमीटर सामान्य गति से घुमने जा सकते हैं ।
- नियमित तौर पर योगभ्यास कर सकते हैं ।
- समय समय पर आराम करना भी बेहद जरुरी है इसलिए आराम एवं मनोरंजन भी करें और तनाव दूर रखने, प्रसन्न एवं शांत रहने के लिए ऐसा किया जा सकता है ।
- उच्च रक्तचाप से ग्रसित व्यक्ति को कब्ज न होने दें पेट साफ़ रखने की कोशिश करें ।
- नियमित तौर पर शरीर की मालिश करने से लाभ हो सकता है ।
- स्नान गुनगुने पानी से करना चाहिए और शरीर को तौलिये से 4-5 मिनट तक रगड़ा जा सकता है ।
- पंचमुखी रुद्राक्ष की माला धारण करने से भी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है ।
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उच्च रक्तचाप में क्या नहीं करें
- रात में जागें नहीं अर्थात जागरण इत्यादि न करें।
- मानसिक तनाव पैदा न होने दें इसके लिए चिंता, क्रोध, ईर्ष्य, शोक, डर इत्यादि अवसादों को उत्पन्न न होने दें ।
- धूम्रपान से बचने की कोशिश करें ।
- उच्च रक्तचाप से ग्रसित रोगी को चर्बी एवं कोलेस्ट्रोल बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का बिलकुल भी सेवन नहीं करना चाहिए ।
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bahut gyan hai is lekh me