पेट की रसौली से आशय पेट के अन्दर किसी अंग में गाँठ के होने से लगाया जाता है, किसी भी रोगी में यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण लक्षण होता है | पेट की रसौली की समस्या आम तौर पर पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिकतर देखने को मिलती है वह भी बच्चेदानी में रसौली की समस्या इस समस्या का निवारण अर्थात ऑपरेशन वर्तमान में दूरबीन विधि द्वारा किया जाता है | पेट की रसौली को पेट के अंग विशेष के नाम से जाना जाता है जैसे यदि रसौली अर्थात गाँठ बच्चे दानी में हुई तो इसे बच्चेदानी की रसौली, गुर्दे में हुई तो गुर्दे की रसौली इत्यादि कहा जायेगा |

पेट की रसौली का पता कैसे किया जाता है
चिकित्सक द्वारा पेट की रसौली का पता करने के लिए मरीज को विभिन्न टेस्ट एवं जांच जैसे HB, ESR, TLC/DLC, Urine test, पेट का एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, IVP गुर्दों के रंगीन एक्सरे, सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन इत्यादि करने की सलाह दी जा सकती है | इसके अलावा पेट के किस भाग या अंग में रसौली उत्पन्न हुई है का पता करने अर्थात कौन सी रसौली है का पता करने के लिए चिकित्सक द्वारा पेट को विभिन्न भागों में विभाजित किया जाता है |
- जैसे प्रथम भाग Lumbar Vergion में लीवर पित्त की थैली इत्यादि अंग पाए जाते हैं |
- दुसरे भाग Epigastric Ergion में खाने की थैली इत्यादि आते हैं |
- तीसरे भाग Lumbar Region में तिल्ली आती हैं |
- चौथे भाग में दायाँ गुर्दा पाया जाता है |
- पांचे भाग में Pancreas पाया जाता है |
- छठे भाग में बायाँ गुर्दा आता है |
- सांतवें भाग में बड़ी आंत पाई जाती है |
- आठवें भाग में पेशाब की थैली, बच्चेदानी एवं अंडकोष आते हैं |
- नौवें भाग में छोटी आंत पायी जाती है |
पेट की रसौली से ग्रसित व्यक्ति जब चिकित्सक के पास इस समस्या को लेकर पहुँचता है तो सबसे पहले चिकित्सक द्वारा यही प्रयास किया जाता है की यह रसौली पेट के किस अंग में विकसित हुई होगी |
पेट की रसौली के लक्षण:
हालांकि रसौली के लक्षण रसौली किस अंग में विकसित हुई है के आधार पर अंतरित हो सकते हैं अर्थात अंगों के आधार पर रसौली के लक्षण अलग अलग हो सकते हैं इसलिए यहाँ पर हम अलग अलग अंगों के आधार पर ही लक्षणों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे |
यदि रसौली खाने की थैली (Stomach) या आँतों से संबंध रखती तो रोगी अर्थात मरीज को जो लक्षण नज़र आयेंगे वो निम्न हो सकते हैं |
- रोगी को खाना निगलने में दिक्कत अर्थात परेशानी हो सकती है |
- रोगी को कब्ज हो सकती है |
- रोगी को पेट में दर्द हो सकता है |
- रोगी की पाचन क्रिया कमजोर हो सकती है |
यदि रसौली गुर्दे से सम्बंधित हो तो निम्न लक्षण अर्थात Symptoms नज़र आ सकते हैं |
- रोगी को पेशाब में जलन हो सकती है |
- रोगी को पेशाब में खून आ सकता है |
- रोगी को पेट में दर्द हो सकता है ।
लिवर एवं पित्त की गांठ अर्थात रसौली में निम्न लक्षण नज़र आ सकते हैं |
- रोगी का पाचन खराब हो सकता है |
- रोगी को पीलिया हो सकता है |
- पेट दर्द हो सकता है ।
बच्चेदानी की रसौली या गांठ में निम्न लक्षण हो सकते हैं |
- अत्यधिक मासिक आना
- पेट में दर्द होना
पेट की रसौली के प्रकार:
पेट की रसौली को हम दो हिस्सों में बांट सकते हैं।
- Malignant (कैंसर):
यदि रसौली अर्थात गाँठ का आकार बड़ा है, वह बहुत सख्त है और पेट में चिपका हुआ सा महसूस हो रहा है, तो उसमे कैंसर होने की संभावना अधिक होती है ।
- Non malignant (साधारण):
इस प्रकार की गांठे सामान्य गांठ अर्थात रसौली होती हैं | दोनों प्रकार की गांठों अर्थात रसौली का ईलाज दूरबीन विधि द्वारा ऑपरेशन करके किया जा सकता है |
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Sir mere pet me ganth path gaya hai subah khali pe pata chalta hai ek bar doktor ko dikhaye the to doktor ne bataya khun ki kami se pet me ganth ban gaya hai hath par akadta hai sir eska upay bataye
किसी अच्छे चिकित्सक से परामर्श लें क्योंकि पेट में गांठ होना किसी अप्रत्याशित बीमारी का गंभीर लक्षण भी हो सकता है.
Sir mere kabj rhta h or pet m derd bhi ultrasound m gandh aayi h 7 cm ki kya bimRi h btaye