बड़ी उम्र में माँ बनने की बात करें तो अक्सर लोगों का यह मानना होता है की इस उम्र में माँ बनने के कोई नुकसान नहीं होते है जो की असत्य है | सत्य तो यह है की बड़ी उम्र में माँ बनने के कई नुकसान हो सकते हैं जिनमें से कुछ मुख्य नुकसानों का वर्णन हम इस लेख के माध्यम से करने वाले हैं |

बड़ी उम्र में माँ बनने पर आपरेशन की आशंका:
अमेरिका में हुए अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि जो महिलाएं 40 वर्ष की उम्र के बाद अर्थात बड़ी उम्र में माँ बनने हेतु गर्भ धारण करती हैं, उनके सामने बहुत सी जटिल समस्याएं खड़ी हो जाती हैं, क्योंकि इस उम्र की महिलाओं का प्रसव आमतौर पर शल्यक्रिया (सीजीरियन डिलिवरी) से ही होता है | जबकि 20 से 30 वर्ष के उम्र की महिलाओं का स्वाभाविक सामान्य प्रसव (नॉर्मल डिलिवरी) ही होती है । लगभग 20 प्रतिशत ऐसी महिलाओं को किसी जटिलता के पैदा होने पर ही सीजीरियन करना पड़ता है । इस अध्ययन की रिपोर्ट आबस्ट्रेटिक्स एंड गाइनोकोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित हुई है ।
बड़ी उम्र में गर्भ धारण से कैंसर की संभावना बढती है :
नानावटी हॉस्पिटल, मुंबई के कैंसर सर्जन डॉ. सुदीप सरकार के मतानुसार अधिक आयु में विवाह करने वाली या गर्भ धारण करने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर की संभावना अधिक होती है | इसका प्रमुख कारण गर्भाशय से लंबे समय तक निकलने वाला एस्ट्रोजन नामक हार्मोन है, क्योंकि यह महिलाओं में कैंसर की संभावना को बढ़ाता है । इस हार्मोन के दुष्प्रभाव को प्रोजेस्ट्रान नामक हार्मोन संतुलित करता है । उल्लेखनीय है कि महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्ट्रान हार्मोन का निर्माण गर्भ धारण करने से होता है । यह हार्मोन एस्ट्रोजन के कारण उत्पन्न होने वाले कैंसर से महिलाओं की रक्षा करता है ।
बड़ी उम्र में माँ बनने से अनेक बीमारियों की आशंका:
कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के डॉ. विलियम गिलबर्ट के विचार से चालीस साल की उम्र के बाद की महिलाओं या बड़ी उम्र में माँ बनने वाली महिलाओं का प्रसव का समय लंबा होता है और उन्हें जटिलताएं भी ज्यादा होती हैं । प्रौढ़ महिलाओं की गर्भावस्था के साथ अनेकों जोखिम जुड़ जाते हैं जिनमे आनुवंशिक बीमारियों से ग्रस्त शिशु को जन्म देना भी एक हो सकता है | डाउन सिंड्रोम एक ऐसा ही खतरा है । जहां 20 वर्ष के पश्चात् मां बनने वाली 2000 स्त्रियों में से एक में ही इसकी संभावना होती है, वहीं 45 वर्ष के बाद यह खतरा 30 महिलाओं में से एक में हो जाता है । बड़ी उम्र में माँ बनने वाली इन महिलाओं में एक और भी समस्या हो सकती है । वह यह कि ऐसी महिलाओं में जेनेटिक सूचना देने वाले व्यक्तिगत क्रोमोसोम खो जाते हैं । और इसका असर होने वाले बच्चे पर पड़ता है । सामान्य तौर पर क्रोमोसोम की क्षति गर्भावस्था के प्रारंभिक दौर में गर्भपात में बदल सकती है । इसके अलावा उच्च रक्तचाप से ग्रस्त प्रौढ़ महिलाओं के गर्भ धारण करने से घातक रूप में प्रीइक्लैंपसिया हो सकता है, जो कि हृदय, गुर्दे और दिमाग को नुकसान पहुंचाता है ।
बड़ी उम्र में माँ बनने से बच्चे को मधुमेह हो सकता है :
ब्रिस्टल के साउथमीड अस्पताल में डॉ. एडबिन गले के अध्ययनों के अनुसार जो महिला जितनी अधिक उम्र में गर्भ धारण करती है, उसके बच्चे को मधुमेह होने का खतरा उतना ही ज्यादा होता है । गर्भ धारण करने की उम्र पांच साल बढ़ने से बच्चे को मधुमेह होने का खतरा 25 प्रतिशत बढ़ जाता है । इस प्रकार 45 वर्ष की महिलाओं से जन्मे बच्चे की युवावस्था में मधुमेह का खतरा 20 वर्ष की मां के बच्चों की तुलना में तीन गुना ज्यादा होता है । उल्लेखनीय है कि इस अध्ययन में आक्सफोर्ड के 1375 परिवारों को शामिल किया गया था, जिसमें एक या अधिक बच्चे गंभीर मधुमेह से पीड़ित थे ।
बड़ी उम्र में माँ बनने से अन्य बीमारियों की आशंका:
अनेक डॉक्टरों ने ऐसा भी पाया है कि जो महिलाएं 40 वर्ष की उम्र के बाद मां बनती हैं, उनके बच्चे के मंदबुद्धि होने की संभावनाएं बहुत ज्यादा होती हैं । इसके अलावा बड़ी उम्र में माँ बनने हेतु गर्भ धारण करने के कुछ खतरे और भी होते हैं, जिनमें गर्भपात, उच्च रक्तचाप, मिर्गी के दौरे पड़ना, मोटापा, गर्भाशय में गांठ पड़ना, गर्भाशय में फाइब्रोइड्स का विकास होना, पेशाब में एल्बयुमिन आना, मां की जान को प्रसव के दौरान अधिक खतरा होना, प्रसव पीड़ा का लंबे समय तक अनवरत बने रहना इत्यादि प्रमुख हैं । अत: मां बनने की आदर्श आयु 20 से 30 वर्ष के बीच ही सबसे अधिक उपयुक्त मानी गई है, इस आयु में स्त्री गर्भ धारण करे, तो उसे कम से कम बीमारियों का सामना करना पड़ता है ।