यद्यपि बवासीर में क्या खाएं क्या न खाएं के बारे में जानने से पहले हम आदरणीय पाठक गणों को बता देना चाहते हैं की इससे पहले भी हम बवासीर के कारणों लक्षणों एवं उपचार के बारे में जानकारी दे चुके हैं लेकिन इस लेख बवासीर में क्या खाएं क्या न खाएं के माध्यम से हम पाइल्स के बारे में थोड़ा और विस्तृत जानकारी देने की कोशिश करेंगे | वैसे देखा जाय तो बवासीर नामक यह बीमारी ग्रसित व्यक्ति को काफी पीड़ा पहुंचाती है । इस रोग को यदि हम परिभाषित करेंगे तो इसमें मलद्वार की शिराओं के फूलने से मटर के दाने जैसे मांस के अंकुर निकलने लगते हैं जिन्हें आयुर्वेद में अर्श एवं साधारण बोलचाल की भाषा में बवासीर या पाइल्स के नाम से जाना जाता है । जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की हम पहले भी बवासीर के कारणों लक्षणों एवं उपचार की बात कर चुके हैं इसलिए आज का हमारा विषय बवासीर में क्या खाएं एवं क्या न खाएं और बवासीर में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इत्यादि विषयों पर वार्तलाप करेंगे |

बवासीर में क्या खाएं (What to eat in Bawasir)
बवासीर में क्या खाएं और क्या नहीं यह प्रश्न इस बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों के मन में अक्सर हिचकोले लेते रहता है इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से जानते हैं की बवासीर में क्या खाएं की यह रोग संतुलित रहे अर्थात बढे नहीं |
- चोकर सहित गेहूं के आटे की बनी चपाती बवासीर में खायी जा सकती है |
- चोकर सहित ज्वार के आटे की बनी चपाती भी खाई जा सकती है |
- उपर्युक्त आटे के अलावा दलिया, जौ, पुराने चावल इत्यादि भी बवासीर में खाए जा सकते हैं |
- चपाती के साथ अरहर एवं मूंग की दाल खाई जा सकती है |
- फलों में अंजीर, बेल, अनार, कच्चा नारियल, केला, आंवला इत्यादि का सेवन किया जा सकता है |
- बवासीर से ग्रसित व्यक्ति को सब्जी में चुकंदर, पालक, जिमीकंद, टमाटर, गाज़र, कुल्थी, परवल चौलाई, तुरई इत्यादि का नियमित तौर पर सेवन करना चाहिए |
- बवासीर में प्रतिदिन नियमित तौर पर खाने के साथ मूली का भी सेवन करना चाहिए |
- बवासीर में खाना खाने के बाद हो सके तो दो तीन अमरूदों का भी सेवन करना चाहिए |
- दोपहर में नियमित रूप से पपीते का सेवन लाभकारी होता है |
- बवासीर में थोड़ी अजवाइन व नमक मिलाकर छाछ पी जा सकती है |
- अजवाइन व नमक मिलाकर केले का रस भी पीया जा सकता है |
- अजवाइन व नमक मिलाकर दही का सेवन भी किया जा सकता है |
- धनिये के रस में मिश्री मिलाकर सुबह शाम पीने से खून जाने की स्थिति में आराम होता है |
- बवासीर में पानी का सेवन अधिक करना चाहिए |
बवासीर में क्या न खाएं परहेज (What not to eat in Bawasir):
- भारी भोजन के सेवन से बचें
- अधिक गरम भोजन से बचें
- तीक्ष्ण एवं गरिष्ठ भोजन का सेवन न करें
- बवासीर में मिर्च मसालेदार चटपटे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें
- बवासीर में बासी भोजन नहीं खाना चाहिए
- उड़द की दाल, मांस, मछली, अंडा, चना, खटाई का परहेज करें |
- बवासीर में सब्जियों में बैगन, आलू , सीताफल का भी परहेज करें |
- गुड एवं डिब्बाबंद आहार का सेवन न करें |
- अधिक चाय एवं कॉफ़ी का सेवन न करें |
- बवासीर में शराब, तम्बाकू, अफीम इत्यादि का सेवन वर्जित है |
बवासीर में क्या करें?(What to do in Bawasir)
- बवासीर न हो इसके लिए सबसे पहले कब्ज की शिकायत को दूर करें
- अपनी क्षमता के अनुरूप नियमित रूप से प्रतिदिन व्यायाम करें एवं घूमने जाएँ |
- गुदा द्वार पर शौच के बाद जैतून या एरंड का तेल लगायें इससे गुदा द्वार पर होने वाला दर्द कम हो जाता है |
- अपने ही मूत्र से प्रतिदिन अपना गूदा द्वार धोएं |
- बवासीर में सप्ताह में एक बार एनीमा अवश्य लगाना चाहिए |
- शौच के पश्चात एवं सोने से पहले गुदा द्वार पर सरसों का तेल लगायें यह तेल लगाने के लिए मध्यमा ऊँगली का इस्तेमाल किया जा सकता है |
- बवासीर में योगासनों में पादंगुष्ठसन एवं उत्तानपादासन नियमित रूप से किये जा सकते हैं |
बवासीर में क्या न करें (What not to do in Bawasir)
- मल, मूत्र इत्यादि लगने पर तुरंत शौचालय की ओर प्रस्थान करें इन्हें रोकना नहीं चाहिए |
- अत्यधिक कठिन आसन पर बड़ी देर तक बैठने का प्रयास न करें और न ही अधिक देर तक खड़े रहें |
- बवासीर में ऊंट एवं घोड़े की सवारी से बचना चाहिए |
- बवासीर में साइकिल भी अधिक नहीं चलानी चाहिए |
- सम्भोग क्रिया के दौरान अधिक रस लेने की कोशिश न करें |
- रात को जागने से परहेज करें |
- बवासीर में उपवास से भी परहेज करें |