Food poisoning यानिकी भोजन विषाक्तता अनेक कारणों से हो सकती है लेकिन इनमे से दो जो मुख्य कारण इसके होने के बताये गए हैं उनमे एक बेमेल भोजन यानिकी Unbalanced diet एवं दूसरा बाहर का खाना या किसी गन्दी जगह पर बना हुआ खाना खाना इसका कारण हो सकता है | कहने का आशय यह है की खाद्य पदार्थ तो होते ही शरीर को शक्ति एवं उर्जा देने के लिए, लेकिन यदि विभिन्न तासीर वाली खाद्य पदार्थों को एक साथ ग्रहण कर लिया जाय तो Food Poisoning अर्थात भोजन विषाक्तता हो सकती है | उदाहरणार्थ: जैसे शराब के साथ दूध का सेवन करने से, घी के साथ शहद का सेवन करने से, चावल एवं सिरके का एक साथ उपयोग करने से और गंदगी युक्त खाना खाने से भी Food Poisoning हो सकती है | इस भोजन विषाक्तता के कारण रोगी में पेट में दर्द, दस्त एवं उल्टियाँ आने जैसे लक्षण प्रदर्शित हो सकते हैं |

भोजन विषाक्तता के कारण (Cause of Food Poisoning in Hindi)
भोजन विषाक्तता के होने के कारणों को मुख्य तौर पर दो भागों में विभाजित किया जा सकता है | सामान्य कारण एवं बैक्टीरिया एवं वायरस जनित कारण हालांकि सामान्य कारण भी बाद में बैक्टीरिया एवं वायरस तब्दील हो जाते हैं क्योंकि Food Poisoning के लिए ये बैक्टीरिया एवं वायरस ही जिम्मेदार होते हैं |
सामान्य कारण:
- खराब सड़ी गली सब्जी खाना एक कारण हो सकता है |
- पुराना बासी खाना भी एक कारण हो सकता है |
- गंदे हाथ या गंदे बर्तनों में खाना खाने से |
- लगातार बाहर का खाना किसी गन्दी जगह से खाने से |
- दुग्ध एवं डेयरी उत्पादों का उनकी एक्सपायरी डेट के बावजूद भी सेवन करना |
बैक्टीरिया एवं वायरस:
Salmonella: साल्मोनेला नामक जीवाणु का यह समूह Food Poisoning के लिए सबसे सामान्य कारण है | इस जीवाणु से प्रभावित व्यक्ति को भोजन विषाक्तता तो हो जाती है लेकिन कुछ दिनों बाद रोगी अपने आप ठीक हो जाता है | यद्यपि कुछ विशेष उम्र के लोगों, बुजर्गों एवं पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों में यह गंभीर रूप भी धारण कर सकता है | इस प्रकार का यह जीवाणु दूषित अण्डों, मुर्गी के मांस, मांस, दूषित कच्चे फलों एवं सब्जियों, unpasteurized दूध इत्यादि से पैदा होता है |
Clostridium perfringens : यह बैक्टीरिया भी Food Poisoning का एक आम कारण है इसकी उत्पति तब होती है जब बनाया गया भोजन सर्व करने की बजाय फ्रिज इत्यादि में स्टोर कर लिया जाता है, इसके अलावा भोजन की अधिकता अर्थात अधिक मात्रा में भोजन पकाना एवं उसको बड़ी देर तक गरम करने के लिए रखना भी इस बैक्टीरिया को जन्म दे सकता है जहाँ तक इस बैक्टीरिया के स्रोत का सवाल है यह बीफ, पोल्ट्री प्रोडक्ट, Gravies इत्यादि में पैदा हो सकता है |
इनके अलावा Norovirus (Norwalk Virus), Campylobacter, E. coli, Listeria इत्यादि ऐसे वायरस एवं बैक्टीरिया हैं जो Food Poisoning के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं |
भोजन विषाक्तता के लक्षण(Symptoms of food poisoning in Hindi)
भोजन विषाक्तता अर्थात Food Poisoning के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार से हैं |
- इस प्रकार के यह लक्षण प्राय: 1 से 6 घंटों के अंदर दिखाई देने लगते हैं ।
- इस रोग में रोगी को अचानक से जोर की उल्टियां आ सकती हैं या फिर जी-मिचला सकता है ।
- Food Poisoning से प्रभावित व्यक्ति के पेट में मरोड़ के साथ रह-रहकर तेज दर्द होता है ।
- रोगी का मल पतला अर्थात दस्त के रूप में बाहर निकलता है ।
- इसमें रोगी की दशा दयनीय हो जाती है अर्थात रोगी निढ़ाल हो जाता है ।
हालांकि Food Poisoning नामक यह रोग रोगी को थोड़ी देर तक ही परेशान करता है और अक्सर देखा गया है की विषाक्त पदार्थों के शरीर में से निकल जाने के बाद, सम्बंधित रोगी की हालत ठीक होती चलती जाती है ।
भोजन विषाक्तता का ईलाज (Treatment of food poisoning in Hindi:
चूँकि जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की मल द्वारा शरीर से विषाक्त पदार्थों के निकलते ही धीरे धीरे रोगी को Food Poisoning में आराम होने लगता है और उसकी हालात धीरे धीरे सुधरने लगती है | लेकिन इसके बावजूद इस रोग में कुछ एहतियात बरतनी जरुरी होती हैं, ताकि फ़ूड पाइजनिंग नामक इस रोग का जल्दी से ईलाज संभव हो सके |
- परिवार वालों को चाहिए की वह रोगी को पूर्ण विश्राम करने को कहें ।
- ग्रसित रोगी के पिछले खान पान का ब्यौरा पूछें ताकि रोग का कारण ज्ञात करने में आसानी हो ।
- यद्यपि अधिकतर रोगियों में खाद्यान्न विषाक्तता यानिकी food poisoning चार से छह घंटों में स्वत: ही ठीक हो जाती है लेकिन यदि ऐसा न हो तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएँ |
- परिवार के अन्य सदस्यों को रोगी के हाइड्रेशन का ध्यान रखना चाहिए ।
- चिकित्सक द्वारा व्यक्ति के मुहं मार्ग से पानी न लेने पर I/V ड्रिप द्वारा ग्लूकोज और सेलाइन दी जा सकती हैं |
- यदि रोगी को पेट दर्द की शिकायत हो तो चिकित्सक द्वारा रोगी को इन्जेक्शन वोवीरान (Voweran) या बस्कोपेन (Buscopan) उपयुक्त मात्रा में मांसपेशी में दी जा सकती है |
- इसके अलावा Food Poisoning में ज्यादा तीव्र स्थिति में चिकित्सक द्वारा रोगी को एण्टीबायोटिक्स भी देने पड़ सकते हैं ।
मानव शरीर से जुड़ी अन्य बीमारियाँ :
- दूरबीन विधि द्वारा ऑपरेशन की पूर्ण जानकारी |
- फिशर के लक्षण, कारण, ईलाज पूरी जानकारी |
- हर्निया के कारण, प्रकार, भ्रांतियां एवं ईलाज की जानकारी |
- फिस्टुला अर्थात भगन्दर के लक्षण, कारण एवं उपचार |
- आँतों की टी. बी. अर्थात पेट की टी.बी. के लक्षण जांच एवं ईलाज |
- पेट के अल्सर के लक्षण, कारण एवं ईलाज की जानकारी |
- पेट की रसौली के प्रकार, लक्षण एवं ईलाज |
- टॉन्सिल्स के लक्षण, कारण एवं ईलाज की पूरी जानकारी |
- कानों के विभिन्न रोग एवं उनके ईलाज की जानकारी |
- आँखों की बीमारियाँ एवं उनका प्रभावी उपचार |
- एनीमिया खून की कमी कारण, लक्षण उपचार |
- मुहं के छालों के कारण लक्षण एवं उपचार की जानकारी |
- सर्दी जुकाम के कारण लक्षण एवं उपचार की जानकारी |
- चिकन पॉक्स के कारण लक्षण एवं ईलाज की जानकारी |
- काली खांसी के कारण लक्षण एवं उपचार की सम्पूर्ण जानकारी |
- रेबीज बीमारी के कारण लक्षण एवं ईलाज की जानकारी |